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कर्मचारियों को केंद्र सरकार से लगा बड़ा झटका: 8वें वेतन आयोग पर कोई योजना नहीं

भारत सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन से किया इनकार किया है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। फिलहाल 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा संभव नहीं.

भारत सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगीयों के लिए 8वीं वेतन आयोग का इंतजार अब और लंबा हो गया है सातवें वेतन आयोग 2014 में गठित हुआ था और आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनाया जाता है इस बार भी उम्मीद थी कि 2025-26 के बजट में सरकार इसकी घोषणा करेगी लेकिन वित्त मंत्रालय ने फिलहाल ऐसी कोई योजना के बारे में इनकार किया है

सरकार का राज्यसभा में जवाब

राज्यसभा के सांसद जावेद अली खान और रामजीलाल सुमन ने 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार से सवाल किया इसके बाद वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचार अधीन नहीं है यह बयान केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीद पर पानी तैरता दिख रहा है

पिछला 7वां वेतन आयोग: बड़े बदलाव लेकर आया था

सातवां वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को UPA सरकार ने गठित किया था। इसकी सिफारिश 1 जनवरी 2016 से लागू हुई न्याय मूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता वाले इस आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़े बदलाव किए थे परंतु इससे महंगाई भत्ते (DA)और महंगाई राहत (DR)में बढ़ोतरी हुई थी

कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग क्यों होता है अहम?

सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग का गठन बेहद महत्वपूर्ण है इससे उनके वेतन बड़ी बढ़ोतरी की जाती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके, हर 10 साल बाद इसे लेकर उम्मीद बढ़ जाती है लेकिन सरकार का मौजूदा और बताता है कि आठवीं वेतन आयोग के लिए कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है

केंद्रीय कर्मचारियों की बढ़ती हुई बेचैनी

केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी अब सरकार से साफ दिशा निर्देश की उम्मीद कर रहे हैं महंगाई के इस दौर में वेतन बढ़ोतरी उनके लिए बेहद जरूरी हो गई है हालांकि सरकार के इस रूप से फिलहाल उम्मीदें धूमिल होती नज़र आ रही है

कब- कब गठित हुआ वेतन आयोग-

पहला वेतन आयोग: 1946 में गठित किया गया था।
दूसरा वेतन आयोग: 1957 में स्थापित किया गया।
तीसरा वेतन आयोग: 1970 में अपनी सिफारिशें दीं।
चौथा वेतन आयोग: 1983 में गठित किया गया।
पांचवां वेतन आयोग: 1994 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
छठा वेतन आयोग: 2006 में लागू हुआ।
सातवां वेतन आयोग: 2016 में लागू किया गया।

8वे वेतन आयोग से उम्मीदें –

देश के सभी सरकारी कर्मचारियों को और पेंशन भोगियों को आगामी आठवे वेतन आयोग से यही आशा है कि यह वेतन आयोग उन्हें लाभदायक सिद्ध होगा और इसके कारण मूल वेतन में बढ़ोतरी भी की जा सकेगी जो कर्मियों को प्राप्त होने वाले अन्य भत्तों की गणना का आधार होता है। साथ ही फिटमेंट फैक्टर भी तय किया जा सकता है जिससे यह आशा है कि महंगाई भत्ते की गणना करने के तरीके में भी परिवर्तन हो सकता है।

8वें वेतन आयोग के होने वाले फायदे –

नए वेतन आयोग के गठित होने से कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि आ जाएगी।
नए वेतन आयोग से महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता बदलाव आ जाएगा।
कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए से बढ़कर 26 हजार से लेकर 30000 तक का हो सकता है।
वर्तमान समय के 2.57 फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि करके इसे 3.0 का किया जा सकता है।
आठवां वेतन आयोग पदोन्नति के बेहतर अवसर प्रदान करेगा

अब क्या होगा?

सरकार के जवाब के बाद सवाल उठता है कि आठवां वेतन आयोग नहीं बनेगा तो वेतन बढ़ोतरी कैसे होगी विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार उन तरीकों से कर्मचारियों के वेतन में संशोधन कर सकती है हालांकि यह प्रक्रिया वेतन आयोग की तुलना में अधिक जटिल और समय लेने वाली हो सकती है

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